समाज का उत्थान या समाज का पतन

 प्राचीन काल से सभी भली भांति परिचित हैं सम्पूर्ण जगत पर राजपूतो ने एक छत्र राज किया हैं और राजपूतो ने कभी किसी की आधीनता को स्वीकार नहीं किया और ना ही किसी ऐसे काम को होने दिया जो पतन का कारन बने तो आज क्यों ऐसा हो रहा हैं हम ही अपने समाज के पतन का कारन बन रहे हैं मैंने समाज के कई महानुभावो से समाज के नेताओ से समाज के लोगो से इस मुद्दे पर बातचित करने के बाद देखा ये क्या हम ही समाज का पतन कर रहे हैं कारण युवक युवती परिचय सम्मलेन जो की और कास्ट जातियो में बहुत जोर शोर से होता हैं अब वो राजपूत समाज में भी पांव पसार चूका हैं इसे लाने वाले भी हमारे ही समाज के हैं और इस बारे उनकी राय हैं की समय के साथ चलना जरुरी हैं और समय की मांग के अनुसार ये करना आवश्यक हैं क्या हम इतने कमजोर हो गए हैं जो दूसरी जातियो की नकल कर रहे हैं और वो भी एक ऐसी चीज की जो समाज के लिए बहुत हानिकारक हैं क्यों हैं एक उदाहरण के द्वारा देखते हैं आज राजपूत सभा द्वारा युवक युवती परिचय सम्मलेन करवाया गया और बड़े ही सम्मान से जोर शोर से 51 जोड़ो को परिचय करवाया गया 

परिचय भी उन लोगो का हुआ जो सक्षम हैं अपने बेटे बेटियो की शादी कराने में जो सक्षम नहीं हैं वो बड़ी उम्मीद के साथ आया लेकिन किसी ने उसके बेटे बेटियो को नहीं अपनाया अब दूसरी और मुख्य पतन की शुरुआत यहाँ से होती हैं लड़का और लड़की परिचित हो गए दोनों ने आपस में बातचीत कर ली और मोबाइल नंबर साझा कर लिए उस दिन से उनकी बातचीत की शुरुआत होती हैं अभी शादी का दिन फाइनल हुआ नहीं और बातचीत शुरू अब जब लड़का लड़की बातचीत करेंगे तो मिलेंगे भी 51 जोड़ो में से 4-5 जोड़े सही मिल जाते हैं बाकि के जोड़े गलत कदम उठाकर जो शादी के बाद करना होता हैं वो सभी कार्य शादी से पहले कर लेते हैं लड़का अपने दोस्तों के सामने लड़की का मजाक उडाता हैं उसकी इज्जत से खेलता हैं या फोर्स करते हैं तो लड़की या लड़का दोनों में से कोई भी मना कर देता हैं फिर लड़का या लड़की के मन में खोट आती है और वो सोचते हैं इससे शादी नहीं करनी और अपने घर में मना कर देते हैं पुरे समाज के सामने जिन्होंने शादी करने की कसम खायी उन्होंने अपने माँ बाप की इज्जत का कोई ध्यान नहीं रखा अब वो माँ बाप कही भी मुँह दिखाने के लायक नहीं हैंकहाँ जाता हैं की और ये सत्य भी हैं की प्राचीन काल में लड़का और लड़की कभी शादी से पहले एक दूसरे का मुँह नही देखते थे और उनकी शादी शुदा जिंदगी बहुत अच्छी सुखद होती थी और लव मैरिज में 99 % मामले ऐसे हैं जिनमे एक दो महीने के बाद में तलाक हो जाता हैं अब आप ही सब बताईये क्यों हम खुद ही अपने समाज के पतन का करान बन रहे हैं क्या ये सत्य नहीं हैं अगर हा तो क्यों हम इसे बढ़ावा दे रहे हैं और क्यों इसे समय की मांग कह रहे हैं आखिर क्यों
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