शहीद महावीर सिंह राठोड

क्या देश के लिए गांधी और नेहरू ही शहीद कहलाते है ? स्वतंत्र भारत के लिए इन गुमनाम शहीदो के लिए किसी भी नेता और संघटन के लिए समय और उनको याद करने के लिए जहमत नहीं उठाते है, आज एक ऐसे महान क्रन्तिकारी शहीदी दिवस है जिसने हमें आजाद देखने के लिए अपने प्राण उत्स्रग कर दिए जिनका नाम है अमर शहीद महावीर सिंह राठोर, शहीद महावीर सिंह ,भारत  मे अंग्रेजों से लड़कर आजादी दिलाने वालों की अग्रणी पंक्ति के योद्धा थे,उनका जन्म ग्राम शाहपुर टहला में 16 सितम्बर 1904 को ठाकुर देवी सिंह के घर हुआ ।अंग्रेज अधिकारी साडर्स की हत्या के आरोपी भगत सिंह, राजगुरू, बटकेश्वर दत्त, चंद्रशेखर आजाद व महावीर सिंह को निरूद्ध किया गया और जेल भेज दिया गया इन्हे देश की कई जेलों मे भेजा गया और सजा ऐ कला पानी। काफी समय तक यातनाओ को सहने के बाद महावीर सिंह राठोड, मोहन किशोर, नमो दस और अन्य क्रांतिकारियों ने अंग्रेज सरकार के विरोध का निर्णय लिया और कैदियों के साथ हो रही बदसलूकी के खिलाफ भूख हड़ताल शुरू कर दी। अंग्रेजो ने भूख हड़ताल तोड़ने की बहुत कोशिश की और कैदियों को जबरन खाना ठुसने लगे। लेकिन क्रांतिकारियों ने इसका भी विरोध किया। महावीर सिंह के साथ भी जबरदस्ती की गयी और उन्हें 8 सिपाहियों ने पकड़ कर खाना ठूसने की कोशिश की और इसकी वजह से उनकी मृत्यु हो गयी। महावीर सिंह राठोड के साथ मोहन किशोरे और नमो दस ने भी अपनी सहादत दी थी। अंग्रेजी हुकूमत ने शहीदों के शवो को उनके घरवालो तक को नहीं सौपा। शवो को पत्थर से बांधकर समुद्र में फेक दिया गया और इस घटना को दबा दिया गया।
           शहीद महावीर सिंह राठोड़ 









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